Letters to #StopMarriageBill - Registered Post
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Shri D. V. Sadananda Gowda
Hon’ble Minister
Hon’ble Minister
Office of the Minister for Law and
Justice
4th Floor, ‘A’ Wing, Shashtri Bhawan,
Rajendra Prasad Road, New Delhi. PIN- 110001
4th Floor, ‘A’ Wing, Shashtri Bhawan,
Rajendra Prasad Road, New Delhi. PIN- 110001
AND
Shri Narendra Modi,
Hon'ble Prime Minister of India,
Prime Minister's Office,
South Block, Raisina Hill
New Delhi-110011
Hon'ble Prime Minister of India,
Prime Minister's Office,
South Block, Raisina Hill
New Delhi-110011
AND
Shri Arun Jaitley
Hon'ble Finance Minister
MINISTRY OF FINANCE
NORTH BLOCK, NEW DELHI-110001
Hon'ble Finance Minister
MINISTRY OF FINANCE
NORTH BLOCK, NEW DELHI-110001
AND
Shri Ravi Shankar Prasad
Hon'ble Minister Department of Telecom
105, 1st Floor
Sanchar Bhawan
20, Ashoka Road,
New Delhi 110001
Hon'ble Minister Department of Telecom
105, 1st Floor
Sanchar Bhawan
20, Ashoka Road,
New Delhi 110001
AND
Shri Mohan Bhagwat,
Rashtriya Swamsevak Sangh,
Mangalwari,
Nagpur District,
Maharashtra
Nagpur District,
Maharashtra
AND
Shri Ashok Singhal,
Vishva Hindu Parishad
Sankat Mochan Hanuman Mandir Ashram,
R.K. Puram Sector 6, New Delhi – 110022,
Bharat (India)
Sankat Mochan Hanuman Mandir Ashram,
R.K. Puram Sector 6, New Delhi – 110022,
Bharat (India)
DRAFT 1:
समाचार रिपोर्टों एवं हमारे द्वारा
कानून मंत्रालय के विधायी विभाग में फोन पर हुई बातचीत से यह संज्ञान में आया कि
भारत सरकार इसी शीतकालीन सत्र में एक नया कानून, विवाह (संशोधन) विधेयक पेश करने
जा रही है और इस विधेयक के मसौदे के माध्यम से हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 एवं विशेष विवाह अधिनियम में संशोधन करना चाहती है।
इस पत्र के माध्यम से हम विवाह
(संशोधन) विधेयक के लिये अपनाई गयी प्रक्रिया के विरुद्ध कड़ी आपत्ति दर्ज कराना
चहते हैं।
हम आपके संज्ञान में यह लाना चाहते
हैं कि:
यह वही कानूनी
मसौदा है जो पिछली सरकार के कार्यकाल में भी सूर्य के प्रकाश से वंचित रहा था
क्योकितब भाजपा को बिलकुल सही एहसास हो गया था कि यह कानून हिंदू परिवारों एवं
हिंदू पुरुषों के लिये कितना विनाशकारी है।
With this letter, we hereby want to
register very serious and strong objection to the process followed for the
Introduction of Marriage (Amendment) Bill.
As per the latest news reports and
as per our phone calls to the Legislative Department of Law Ministry, it is
understood that the Government is about to Introduce a new Law, Marriage
(Amendment) Bill in this Winter Session. The draft bill is to change Hindu
Marriage Act, 1955 and Special Marriage Act.
We wish to bring to your kind
notice:
This is the same Draft law which
never saw the end of tunnel during previous government as BJP itself realized
how disastrous this law was for Hindu Family and Hindu Men.
DRAFT 2:
समाचार रिपोर्टों एवं हमारे द्वारा
कानून मंत्रालय के विधायी विभाग में फोन पर हुई बातचीत से यह संज्ञान में आया कि
भारत सरकार इसी शीतकालीन सत्र में एक नया कानून, विवाह (संशोधन) विधेयक पेश करने
जा रही है और इस विधेयक के मसौदे के माध्यम से हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 एवं विशेष विवाह अधिनियम में संशोधन करना चाहती है।
इस पत्र के माध्यम से हम विवाह
(संशोधन) विधेयक के लिये अपनाई गयी प्रक्रिया के विरुद्ध कड़ी आपत्ति दर्ज कराना
चहते हैं।
हम आपके संज्ञान में यह लाना चाहते
हैं कि:
यह वही कानूनी
मसौदा है जिसे समाज के विभिन्न वर्गों में नकार दिया गया था और जिसकी वजह से, गलत कारणों से ध्यान
आकर्षित होने के कारण भारत की क्षमताओं के प्रति व्यापक अंतर्राष्ट्रीय संदेह का
माहौल बना था।
With this letter, we hereby want to
register very serious and strong objection to the process followed for the
Introduction of Marriage (Amendment) Bill.
As per the latest news reports and
as per our phone calls to the Legislative Department of Law Ministry, it is
understood that the Government is about to Introduce a new Law, Marriage
(Amendment) Bill in this Winter Session. The draft bill is to change Hindu
Marriage Act, 1955 and Special Marriage Act.
We wish to bring to your kind
notice:
The Bill was struck down by various
segments of society and even ministries and got wide International doubts &
wrong attention on India’s capability by proposing such a draconian law.
DRAFT 3:
समाचार रिपोर्टों एवं हमारे द्वारा कानून
मंत्रालय के विधायी विभाग में फोन पर हुई बातचीत से यह संज्ञान में आया कि भारत
सरकार इसी शीतकालीन सत्र में एक नया कानून, विवाह (संशोधन) विधेयक पेश करने जा रही है और इस
विधेयक के मसौदे के माध्यम से हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 एवं
विशेष विवाह अधिनियम में संशोधन करना चाहती है।
इस पत्र के माध्यम से हम विवाह
(संशोधन) विधेयक के लिये अपनाई गयी प्रक्रिया के विरुद्ध कड़ी आपत्ति दर्ज कराना
चहते हैं।
हम आपके संज्ञान में यह लाना चाहते
हैं कि:
अंतर्राष्ट्रीय
स्तर पर, इसी तरह के कानूनो में संपत्ति विभाजन विशुद्ध रूप से
संपत्ति में व्यक्ति के वित्तीय योगदान, विवाह की अवधि और
दोनों पक्षों के आचरण के आधार पर ही आधारित होता है। यूपीए सरकार ने कुछ
पुरुष-विरोधी संगठनों के दबाव में आकर, जल्दबाजी में एक गलत
विधेयक का प्रस्ताव रखा, जिसके उपरान्त भाजपा ही हिंदू
पुरुषों के बचाव के लिए आयी थी।
With this letter, we hereby want to
register very serious and strong objection to the process followed for the
Introduction of Marriage (Amendment) Bill.
As per the latest news reports and
as per our phone calls to the Legislative Department of Law Ministry, it is
understood that the Government is about to Introduce a new Law, Marriage
(Amendment) Bill in this Winter Session. The draft bill is to change Hindu
Marriage Act, 1955 and Special Marriage Act.
We wish to bring to your kind notice:
Internationally, in similar law,
Property division are purely on individual’s financial contribution to property
and duration of marriage and also base on conduct of both the parties. UPA
government came under pressure of few Anti-Male Organizations and proposed a
wrong bill in haste and later BJP came to rescue of Hindu Men.
DRAFT 4:
समाचार रिपोर्टों एवं हमारे द्वारा
कानून मंत्रालय के विधायी विभाग में फोन पर हुई बातचीत से यह संज्ञान में आया कि
भारत सरकार इसी शीतकालीन सत्र में एक नया कानून, विवाह (संशोधन) विधेयक पेश करने
जा रही है और इस विधेयक के मसौदे के माध्यम से हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 एवं विशेष विवाह अधिनियम में संशोधन करना चाहती है।
इस पत्र के माध्यम से हम विवाह
(संशोधन) विधेयक के लिये अपनाई गयी प्रक्रिया के विरुद्ध कड़ी आपत्ति दर्ज कराना चहते
हैं।
हम आपके संज्ञान में यह लाना चाहते
हैं कि:
भाजपा को इस
विधेयक से अर्थव्यवस्था और परिवार प्रणालीके प्रति खतरों का एहसास हुआ:
a. हिन्दू पुरुष
संपत्ति खरीदना बंद कर देंगे और इससे अर्थव्यवस्था को आघात होगा।
b. हिन्दू पुरुष शादी करना बंद कर देंगे जिससे हिन्दू जनसंख्या में गिरावट आयेगी।
c. हिन्दू पुरुष मजबूरन या तो अपनी बहनों से शादी करेंगे या धर्म परिवर्तन करेंगे।
d. पतियों की आत्महत्या की दर जो कि भारत में सर्वाधिक है, और बढ़ेगी।
b. हिन्दू पुरुष शादी करना बंद कर देंगे जिससे हिन्दू जनसंख्या में गिरावट आयेगी।
c. हिन्दू पुरुष मजबूरन या तो अपनी बहनों से शादी करेंगे या धर्म परिवर्तन करेंगे।
d. पतियों की आत्महत्या की दर जो कि भारत में सर्वाधिक है, और बढ़ेगी।
With this letter, we hereby want to
register very serious and strong objection to the process followed for the
Introduction of Marriage (Amendment) Bill.
As per the latest news reports and
as per our phone calls to the Legislative Department of Law Ministry, it is
understood that the Government is about to Introduce a new Law, Marriage
(Amendment) Bill in this Winter Session. The draft bill is to change Hindu
Marriage Act, 1955 and Special Marriage Act.
We wish to bring to your kind
notice:
BJP realized the threat this Bill
posed to both Economy and the Family system as:
a. Hindu Men would stop buying
Property and thus Economy will crash.
b. Hindu Men would stop marrying thus reducing the Hindu Population.
c. Hindu Men would be forced to marry their own sisters or convert to other religion.
d. Husband Suicide, which is largest in India, would increase further.
b. Hindu Men would stop marrying thus reducing the Hindu Population.
c. Hindu Men would be forced to marry their own sisters or convert to other religion.
d. Husband Suicide, which is largest in India, would increase further.
DRAFT 5:
समाचार रिपोर्टों एवं हमारे द्वारा
कानून मंत्रालय के विधायी विभाग में फोन पर हुई बातचीत से यह संज्ञान में आया कि
भारत सरकार इसी शीतकालीन सत्र में एक नया कानून, विवाह (संशोधन) विधेयक पेश करने
जा रही है और इस विधेयक के मसौदे के माध्यम से हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 एवं विशेष विवाह अधिनियम में संशोधन करना चाहती है।
इस पत्र के माध्यम से हम विवाह
(संशोधन) विधेयक के लिये अपनाई गयी प्रक्रिया के विरुद्ध कड़ी आपत्ति दर्ज कराना
चहते हैं।
हम आपके संज्ञान में यह लाना चाहते
हैं कि:
पूर्व एवं
वर्तमान विधेयक, संवैधानिक रूप से गलत हैं क्योकि उनका मसौदा माननीय
उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों के बिलकुल अलग है। माननीय उच्चतम न्यायालय ने
शादी के असाध्य रुप से टूटने की स्थिति में विवाह विच्छेदन हेतु कानून बनाने के
लिये दिशा निर्देश दिये थे ना कि संपत्ति विभाजन के लिये।
With this letter, we hereby want to
register very serious and strong objection to the process followed for the
Introduction of Marriage (Amendment) Bill.
As per the latest news reports and
as per our phone calls to the Legislative Department of Law Ministry, it is
understood that the Government is about to Introduce a new Law, Marriage
(Amendment) Bill in this Winter Session. The draft bill is to change Hindu
Marriage Act, 1955 and Special Marriage Act.
We wish to bring to your kind
notice:
Previous & any similar Bill is
constitutionally wrong as it’s drafted in absolute non-adherence of Hon’ble
Supreme Court Guidelines to draft an only No-Fault Divorce and NOT the Property
Division.
DRAFT 6:
समाचार रिपोर्टों एवं हमारे द्वारा
कानून मंत्रालय के विधायी विभाग में फोन पर हुई बातचीत से यह संज्ञान में आया कि
भारत सरकार इसी शीतकालीन सत्र में एक नया कानून, विवाह (संशोधन) विधेयक पेश करने
जा रही है और इस विधेयक के मसौदे के माध्यम से हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 एवं विशेष विवाह अधिनियम में संशोधन करना चाहती है।
इस पत्र के माध्यम से हम विवाह
(संशोधन) विधेयक के लिये अपनाई गयी प्रक्रिया के विरुद्ध कड़ी आपत्ति दर्ज कराना
चहते हैं।
हम आपके संज्ञान में यह लाना चाहते
हैं कि:
पूर्व एवं
वर्तमान विधेयक, संवैधानिक रूप से गलत हैं क्योकि यह केवल महिला
कल्याणमंत्रालय और राष्ट्रीय महिला आयोग के सुझावों के अनुसार है और पुरुषों की
पूर्ण रूप से उपेक्षा करता है, जबकि पुरुष भी विवाह कानूनों
में किसी भी परिवर्तन से समान रूप से प्रभावित होते है।
With this letter, we hereby want to
register very serious and strong objection to the process followed for the
Introduction of Marriage (Amendment) Bill.
As per the latest news reports and
as per our phone calls to the Legislative Department of Law Ministry, it is
understood that the Government is about to Introduce a new Law, Marriage
(Amendment) Bill in this Winter Session. The draft bill is to change Hindu
Marriage Act, 1955 and Special Marriage Act.
We wish to bring to your kind
notice:
Previous & any similar Bill is
constitutionally wrong as it is formed by inputs from Women Development
Ministry and National Commission of Women and thus totally ignores Men who are
equally effected by any change of Marriage Laws.
DRAFT 7:
समाचार रिपोर्टों एवं हमारे द्वारा
कानून मंत्रालय के विधायी विभाग में फोन पर हुई बातचीत से यह संज्ञान में आया कि
भारत सरकार इसी शीतकालीन सत्र में एक नया कानून, विवाह (संशोधन) विधेयक पेश करने
जा रही है और इस विधेयक के मसौदे के माध्यम से हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 एवं विशेष विवाह अधिनियम में संशोधन करना चाहती है।
इस पत्र के माध्यम से हम विवाह
(संशोधन) विधेयक के लिये अपनाई गयी प्रक्रिया के विरुद्ध कड़ी आपत्ति दर्ज कराना
चहते हैं।
हम आपके संज्ञान में यह लाना चाहते
हैं कि:
पूर्व एवं
वर्तमान विधेयक, संवैधानिक रूप से गलत हैं क्योकि यह लिंग-भेद रहित
हिन्दू विवाह अधिनियम को पुरुष विरोधी भी बनाता है।
यह चौंकाने वाली
बात है कि ऊपर वर्णित वास्तविकताओं के बावजूद, एक प्रभावशाली
नेतृत्व में एक दूरदर्शी सरकार ने भी इस विधेयक के लिये पूर्व सरकार द्वारा अपनाया
गया मार्ग ही चुन लिया।
With this letter, we hereby want to
register very serious and strong objection to the process followed for the
Introduction of Marriage (Amendment) Bill.
As per the latest news reports and
as per our phone calls to the Legislative Department of Law Ministry, it is
understood that the Government is about to Introduce a new Law, Marriage
(Amendment) Bill in this Winter Session. The draft bill is to change Hindu
Marriage Act, 1955 and Special Marriage Act.
We wish to bring to your kind
notice:
Previous & any similar Bill is
constitutionally wrong as it makes the current Gender Neutral Hindu Marriage
Act as Anti Male too.
Inspite, of all the above realities,
it is really SHOCKING to see that the New Visionary Government, under a dynamic
leadership, has taken the same route as previous Government for this Bill.
DRAFT 8:
समाचार रिपोर्टों एवं हमारे द्वारा
कानून मंत्रालय के विधायी विभाग में फोन पर हुई बातचीत से यह संज्ञान में आया कि
भारत सरकार इसी शीतकालीन सत्र में एक नया कानून, विवाह (संशोधन) विधेयक पेश करने
जा रही है और इस विधेयक के मसौदे के माध्यम से हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 एवं विशेष विवाह अधिनियम में संशोधन करना चाहती है।
इस पत्र के माध्यम से हम विवाह
(संशोधन) विधेयक के लिये अपनाई गयी प्रक्रिया के विरुद्ध कड़ी आपत्ति दर्ज कराना
चहते हैं।
हम आपके संज्ञान में यह लाना चाहते
हैं कि:
इस पत्र के
माध्यम से, विधायी विभाग के वर्त्मान मसौदा तैयार करने में,
किये हुए स्पष्ट उल्लंघन भी हम आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं। 10
जनवरी 2014 को निर्धारित Pre-Legislative
Consultation Policy (PLCP) के अनुसार यह निर्णीत हुआ था कि:
“THE DEPARTMENT / MINISTRY CONCERNED
SHOULD PUBLISH / PLACE IN PUBLIC DOMAIN THE DRAFT LEGISLATION OR AT LEAST THE
INFORMATION THAT MAY INTER ALIA INCLUDE BRIEF JUSTIFICATION FOR SUCH
LEGISLATION, ESSENTIAL ELEMENTS OF THE PROPOSED LEGISLATION, ITS BROAD
FINANCIAL IMPLICATIONS, AND AN ESTIMATED ASSESSMENT OF THE IMPACT OF SUCH
LEGISLATION ON ENVIRONMENT, FUNDAMENTAL RIGHTS, LIVES AND LIVELIHOODS OF THE
CONCERNED / AFFECTED PEOPLE, ETC. SUCH DETAILS MAY BE KEPT IN THE PUBLIC DOMAIN
FOR A MINIMUM PERIOD OF THIRTY DAYS FOR BEING PROACTIVELY SHARED WITH THE
PUBLIC IN SUCH MANNER AS MAY BE SPECIFIED BY THE DEPARTMENT / MINISTRY
CONCERNED.”
हम आपका ध्यान
एक अधिसूचना, D.O. No. 11(35) / 2013-L.I., तारीखी 5 फ़रवरी 2014 की ओर आकर्षित करना चाहते है, जो कि यह सुनिश्चित करता है कि मंत्रालय, विधेयक के
मसौदे को पब्लिक डोमेन में कम से कम 30 दिनों के लिये
प्रकाशित करें और प्रभावित लोगों को सूचित करें। दुर्भाग्यवश, वर्तमान मसौदा स्पष्ट रूप से कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की
समिति (CoS) द्वारा निर्धारित इस बहुत ही महत्वपूर्ण
प्रावधान / प्रक्रिया का उल्लंघन करता है।
हम यहाँ यह भी
निवेदन करना चाहते हैं कि कोई प्रक्रिया अपनाने के बाद यदि विधेयक निरस्त होता है
तो वही प्रक्रिया किसी भी समान मसौदे वाले कानून के लिये लागू नहीं कर सकते और
इसीलिए एक मसौदा जिससे बड़े पैमाने पर सार्वजनिक चिंताओं / आशंकाओं का जन्म होता
हो, उसे लोकतंत्र में निर्धारित संवैधानिक प्रक्रियाओं को तिलांजली देकर आगे
नहीं बढ़ाया जा सकता।
With this letter, we hereby want to
register very serious and strong objection to the process followed for the
Introduction of Marriage (Amendment) Bill.
As per the latest news reports and
as per our phone calls to the Legislative Department of Law Ministry, it is
understood that the Government is about to Introduce a new Law, Marriage
(Amendment) Bill in this Winter Session. The draft bill is to change Hindu Marriage
Act, 1955 and Special Marriage Act.
We wish to bring to your kind
notice:
With this letter, we also wish to bring to your kind notice the CLEAR VIOLATION that Legislative Department has done while processing the new Draft. As per, Pre-Legislative Consultation Policy (PLCP), decided on 10th January 2014, it was decided, that
With this letter, we also wish to bring to your kind notice the CLEAR VIOLATION that Legislative Department has done while processing the new Draft. As per, Pre-Legislative Consultation Policy (PLCP), decided on 10th January 2014, it was decided, that
“THE DEPARTMENT / MINISTRY CONCERNED
SHOULD PUBLISH / PLACE IN PUBLIC DOMAIN THE DRAFT LEGISLATION OR AT LEAST THE
INFORMATION THAT MAY INTER ALIA INCLUDE BRIEF JUSTIFICATION FOR SUCH
LEGISLATION, ESSENTIAL ELEMENTS OF THE PROPOSED LEGISLATION, ITS BROAD
FINANCIAL IMPLICATIONS, AND AN ESTIMATED ASSESSMENT OF THE IMPACT OF SUCH
LEGISLATION ON ENVIRONMENT, FUNDAMENTAL RIGHTS, LIVES AND LIVELIHOODS OF THE
CONCERNED / AFFECTED PEOPLE, ETC. SUCH DETAILS MAY BE KEPT IN THE PUBLIC DOMAIN
FOR A MINIMUM PERIOD OF THIRTY DAYS FOR BEING PROACTIVELY SHARED WITH THE
PUBLIC IN SUCH MANNER AS MAY BE SPECIFIED BY THE DEPARTMENT / MINISTRY
CONCERNED.”
We bring to your attention to this
Notification dated 5th February 2014, D.O. No. 11 (35) / 2013-L.I., which
mandates the ministry to Publish the Draft Legislation in Public Domain for
ATLEAST 30 days and infact notify the affected people. Unfortunately, the
current draft clearly violates this very important procedure laid down by the
Committee of Secretaries (CoS) under the Chairmanship of Cabinet Secretary.
We also wish to submit to you that
any of such procedures of Lapsed Bill are NOT applicable to similar Draft
Legislation and hence the Draft which saw widespread Public concerns / panic,
cant be pushed again without having passed the Constitutional Procedures Laid
down in a Democracy.
DRAFT 9:
समाचार रिपोर्टों एवं हमारे द्वारा
कानून मंत्रालय के विधायी विभाग में फोन पर हुई बातचीत से यह संज्ञान में आया कि
भारत सरकार इसी शीतकालीन सत्र में एक नया कानून, विवाह (संशोधन) विधेयक पेश करने
जा रही है और इस विधेयक के मसौदे के माध्यम से हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 एवं विशेष विवाह अधिनियम में संशोधन करना चाहती है।
इस पत्र के माध्यम से हम विवाह
(संशोधन) विधेयक के लिये अपनाई गयी प्रक्रिया के विरुद्ध कड़ी आपत्ति दर्ज कराना
चहते हैं।
हम आपके संज्ञान में यह लाना चाहते
हैं कि:
इस पत्र के
माध्यम से हम आपसे निवेदन करते हैं कि:
1. विवाह (संशोधन)
विधेयक की प्रक्रिया को तत्काल रोकें, क्योंकि यह भारतीय
लोकतंत्र में नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
2. विधेयक के मसौदे पर
जनता की राय और प्रतिक्रिया के लिये एक ड्राफ्ट मसौदा प्रकाशित करें।
3. मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में हर पक्ष की हिस्सेदारी होनी चाहिये, अर्थात, अगर पुरुषों की ओर से कोई राष्ट्रीय पुरुष आयोग नहीं है तो महिलाओं की ओर से भी महिला कल्याण मंत्रालय या राष्ट्रीय महिला आयोग को भी भाग लेने की अनुमति नहीं होनी चाहिये।
4. पुरुषों के लिये काम करने वाले संगठनो को साथ लेकर ’राष्ट्रीय पुरुष आयोग’ के गठन की प्रक्रिया आरम्भ करें, ताकि कानूनों और कानून बनाने की प्रक्रिया के संदर्भ में, समाज में न्यायसंगत संतुलन वापस आ सके।
3. मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में हर पक्ष की हिस्सेदारी होनी चाहिये, अर्थात, अगर पुरुषों की ओर से कोई राष्ट्रीय पुरुष आयोग नहीं है तो महिलाओं की ओर से भी महिला कल्याण मंत्रालय या राष्ट्रीय महिला आयोग को भी भाग लेने की अनुमति नहीं होनी चाहिये।
4. पुरुषों के लिये काम करने वाले संगठनो को साथ लेकर ’राष्ट्रीय पुरुष आयोग’ के गठन की प्रक्रिया आरम्भ करें, ताकि कानूनों और कानून बनाने की प्रक्रिया के संदर्भ में, समाज में न्यायसंगत संतुलन वापस आ सके।
5. एक संसदीय समिति का
गठन कर मसौदे पर पुनर्विचार करें और देखें कि क्या ऐसे किसी कानून की आवश्यकता है
भी, क्या ये माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों के
अनुसार है या केवल कुछ इच्छुक पुरुष-विरोधी पार्टियों के दबाव में ही बनाया जा रहा
है।
आपके द्वारा मदद व समर्थन, तथा हमारी प्रार्थना अनुसार तत्काल कार्यवाही की अपेक्षा में...
आपके द्वारा मदद व समर्थन, तथा हमारी प्रार्थना अनुसार तत्काल कार्यवाही की अपेक्षा में...
With this letter, we hereby want to
register very serious and strong objection to the process followed for the Introduction
of Marriage (Amendment) Bill.
As per the latest news reports and
as per our phone calls to the Legislative Department of Law Ministry, it is
understood that the Government is about to Introduce a new Law, Marriage
(Amendment) Bill in this Winter Session. The draft bill is to change Hindu
Marriage Act, 1955 and Special Marriage Act.
We wish to bring to your kind
notice:
With this Letter, we hereby Pray to
you for:
1. Immediately, stop the process of the current Marriage (Amendment) Bill as it violates Fundamental Rights of Citizens in a Democracy.
1. Immediately, stop the process of the current Marriage (Amendment) Bill as it violates Fundamental Rights of Citizens in a Democracy.
2. Issue the Draft for Public
Opinion and responses on the Draft Bill.
3. Involve Stake holders of similar
stature in drafting procedure i.e. if there are no Men’s Rights Authority (like
National Commission of Men) who are part of drafting then even Ministry of
Women and Child Development and National Commission of Women MUST not be
allowed to participate in this procedure.
4. Initiate the process of formation of National Commission of Men involving bodies who have been working for Men for years to bring the equitable balance back into the society in terms of Laws and Law Making process.
4. Initiate the process of formation of National Commission of Men involving bodies who have been working for Men for years to bring the equitable balance back into the society in terms of Laws and Law Making process.
5. Initiate a Parliamentary
Committee procedure to relook at the Draft and see if there is a Need of such a
law and if it is as per the Guidelines of Hon’ble Supreme Court or being formed
under pressure of some interested parties.
Looking forward to your kind help and support and immediate action as per the Prayer.
Looking forward to your kind help and support and immediate action as per the Prayer.
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